पांडुपोल

पांडुपोल स्थित हनुमान मंदिर में हनुमान जी महाराज की शयन मुद्रा में विशाल प्रतिमा है।

जानकारी के अनुसार इस मंदिर का निर्माण 5 हजार साल पहले संत नारायण दास ने कराया। ऐसी मान्यता है कि अज्ञातवास के दौरान पांडवों ने कुछ समय इसी स्थान पर व्यतीत किया। पांडवों को जब कौरवों की सेना घेर लिया तो महाबली भीम ने पहाड़ में गदा मारकर रास्ता बनाया। तभी यह स्थान पांडुपोल के नाम जाने लगा है।इस स्थल की कहानी दिलचस्प है। हनुमान जी नें इसी स्थल पर भीम का अपने बल पर अहं तोडा था, एसी मान्यता है। पाण्डुपोल में हनूमान जी का सुन्दर मंदिर है जहाँ उनकी लेटी हुई मनोहर मूर्ति स्थापित है।

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